Social science
Q- 15 . The difference between two positive integers is 30. The ratio of these integers is 2 : 5. Find the integers.
प्रश्न 17.
आपका नाम ‘आशा’/’महेश’ है। आप मसूरी के छात्रावास में रहती हैं/रहते हैं। आप अपने पिता जी को नई पुस्तकों को खरीदने के लिए एक हजार रुपये (रु.1,000) मँगवाने के लिए पत्र लिखिए-
उत्तर:
क.ख.ग. छात्रावास
मसूरी, उत्तराखंड
28 मार्च, 20XX
पूज्य पिता जी
सादर प्रणाम।
मैं यहाँ स्वस्थ एवं प्रसन्न रहकर आशा करती हूँ कि आप सब सकुशल होंगे। पिता जी, आपको यह जानकर खुशी होगी कि मैंने अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। आगामी 01 अप्रैल से हमारी नई कक्षा की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। मुझे नवीं कक्षा की पुस्तकें एवं स्टेशनरी खरीदनी हैं, जिसके लिए एक हज़ार रुपये की आवश्यकता है। आप इन रुपयों को शीघ्र ही मनीऑर्डर द्वारा भिजवाने का कष्ट करें, ताकि मैं पुस्तकें खरीदकर अन्य छात्रों के साथ अपनी पढ़ाई शुरू कर सकूँ। पूज्या माता जी को प्रणाम तथा सोनू को स्नेह ! शेष सब ठीक है। बाकी अगले पत्र में । पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में।
आपकी प्रिय पुत्री
आशा
प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
उत्तर:
बगदाद शहर का रहनेवाला सिंदबाद एक अमीर तथा कुशल नाविक था। उसने कई अद्भुत यात्राएँ की थीं। एक बार अपने साथियों के साथ यात्रा करते-करते उसका जहाज़ एक टापू के किनारे जा लगा। टापू बहुत सुंदर था। फलों से लदे हुए पेड़ और मीठे पानी के बहते झरनों को देखकर सभी नाविक बहुत प्रसन्न हुए। टापू पर घूमते-घूमते सिंदबाद बहुत आगे निकल गया। थकावट के कारण वह एक छायादार पेड़ के नीचे सो गया। जब नींद खुली तो उसके साथी और जहाज़ आँखों से ओझल हो चुके थे। सिंदबाद बहुत घबरा गया।
इतने में एक विशाल पक्षी नीचे उतरा। सिंदबाद ने झट से अपनी पगड़ी उतारकर स्वयं को पक्षी के पैरों से बाँध दिया। सुबह होते ही पक्षी के साथ वह दूसरी घाटी में जा उतरा। वह हीरों को घाटी थी। वहाँ चारों ओर चमचमाते हीरों के ढेर लगे थे। परंतु हीरों के साथ बड़े – बड़े साँप भी वहाँ रेंग रहे थे। सिंदबाद के तो होश उड़ गए। उसने जल्दी से कुछ हीरे अपनी जेब में भर लिए। थोड़ी देर में वहाँ बड़े-बड़े माँस के टुकड़े गिरने लगे। उस पर कुछ हीरे चिपक गए। सिंदबाद ने एक माँस के टुकड़े के साथ अपने आपको बाँध दिया। तभी एक विशाल पक्षी ने उसी माँस के टुकड़े को उठाया और सिंदबाद को घाटी के उस पार ले उड़ा। सिंदबाद ने वहाँ खड़े हीरों के व्यापारियों को अपनी कहानी सुनाई और उन्हीं के साथ बगदाद लौट आया।
(क) सिंदबाद कौन था?
उत्तर:
सिंदबाद बगदाद का रहने वाला एक अमीर और कुशल नाविक था।
(ख) क्या देखकर सभी नाविक बहुत प्रसन्न हुए?
उत्तर:
टापू पर फलों से लदे पेड़ और मीठे पानी के बहते झरने देखकर सभी नाविक बहुत प्रसन्न हुए।
(ग) सिंदबाद क्यों घबरा गया?
उत्तर:
सिंदबाद अपने साथियों और जहाज़ से बिछुड़ गया।
(घ) हीरों की घाटी में क्या- क्या था?
उत्तर:
हीरों की घाटी में चमचमाते हीरे और बड़े-बड़े साँप थे।
(ङ) सिंदबाद ने अपनी कहानी किसे सुनाई ?
उत्तर:
सिंदबाद ने हीरों के व्यापारियों को अपनी कहानी सुनाई।
प्रश्न 12.
अपने जीवन का कोई भी अनुभव डायरी के रूप में लिखिए-
उत्तर:
19 अप्रैल, 20XX, रविवार
शनिवार की शाम को ही यह सोचकर सोया था कि कल देर तक सोऊँगा, पर आज साढ़े सात बजे तीन- चार दोस्तों ने जगा दिया। उन्होंने चिड़ियाघर जाने के कार्यक्रम के बारे में बताया। मैं नौ बजे तक तैयार हो गया। पिता जी की अनुमति लेकर सवा नौ बजे उन मित्रों के साथ बस अड्डे गया और वहाँ से वातानुकूलित बस द्वारा चिड़ियाघर गया। काउंटर पर टिकट लेकर हम सभी मित्र अंदर गए।
वहाँ हमने सबसे पहले तैरती बतखें देखी। फिर हिरनों को देखते हुए हमने शेर, बाघ, जेब्रा, हाथी, मगरमच्छ, तरह-तरह के पक्षी, रंग-बिरंगे तोते तथा अनेक दुर्लभ जानवर देखे। शेर के दहाड़ने की आवाज़ मुझे अब तक याद है। करीब तीन बजे हम वहाँ से चलकर पाँच बजे तक घर आ गए। मम्मी-पापा के साथ साढ़े आठ बजे खाना खाया और ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ देखते-देखते कब साढ़े दस बज गए, पता ही न चला। साढ़े दस बज गए हैं। अब मुझे नींद भी आने लगी हैं। अब मैं सोने जा रहा हूँ। शुभरात्रि।
अ.ब.स.
Chapter 13
प्रश्न 11.
साइकिल सीखने के बारे में आपकी और अपर्णा के बीच हुई बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए-
उत्तर:
मैं: अरे अपर्णा! तुम इस साल भी प्रथम आई हो।
अपर्णा: हाँ, मेरे मम्मी-पापा ने मेरा मनोबल बढ़ाया था और मैंने मेहनत की थी।
अपर्णा: जानती हो, मेरे पापा ने मुझे यह नई साइकिल दिलवाई है।
मैं: तुम्हारी मेहनत के कारण ही अध्यापिका ने तुम्हें पुस्तकें पुरस्कार में दी हैं।
मै: यह तो बहुत सुंदर है, पर तुम चलाना कब सीखोगी?
अपर्णा: मैंने सीखना शुरू कर दिया है। इस ग्रीष्मावकाश में मैं इसे भली-भाँत चलाना सीख जाऊँगी।
मैं: तुम्हारे पापा ने तुम्हें अच्छा उपहार दिया है। उनकी पसंद अच्छी है।
अपर्णा: नहीं, वे तो वीडियो गेम दिलवा रहे थे, पर मैंने ही उनसे जिद् करके साइकिल ली है।
मैं: ऐसा क्यों?
अपर्णा”: सबसे पहले मैं चलाना सीखकर बस के बजाय साइकिल से आया-जाया करूँगी।
मैं: और क्या-क्या करोगी इससे?
अपर्णा: मैं शाम को इससे सब्जियाँ लाऊँगी तथा छोटे-मोटे काम करूँगी। साथ ही अपने भाई को बिठाकर घुमाने भी ले जाया करूँगी।
मैं: फिर तो तुम्हारा समय खूब बचेगा?
अपर्णा: इससे समय बचने के साथ-साथ व्यायाम भी हो जाया करेगा और किराया बचेगा सो अलग।
मैं: ठीक कहती हो। इस बार अपने जन्मदिन पर मैं भी साइकिल ही लूँगी।
अपर्णा: ये अच्छा रहेगा। तब हम दोनों साथ-साथ साइकिल से स्कूल जाया करेंगे
For support us click here